#मेरी #सलाह
जितना हो सके लोन से दूर
रहें,लोन तब लें जब बहुत बड़ी मजबूरी हो,सूध से बचें और दूसरों को भी बचायें,सूध आपको
तबाह कर देगा,
रोजमाइन ट्रस्ट के चेयरमैन
श्री अवैस अंबर जी कहते हैं कि एक बात बताना बहुत ज़रूरी है कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
योजना का उद्देश्य हायर एजुकेशन में बिहार की शिक्षा व्यवस्था को ऊपर ले जाना था, इसे
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नेक नियत से बनाया था परंतु इसका जितना फ़ायदा बिहार के
छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों को नही हुआ उससे कही ज्यादा फायदा बिहार में बने जर्जर
कॉलेजों को हुआ जहाँ न कोई लैब न कोई टीचर न कोई हॉस्टल का प्रबंध था। इसका फायदा इन जर्जर
कॉलेजों और एडमिशन कराने वाले दलालों को हुआ।आइये आपको
विस्तार से और आम भाषा में बताते हैं कि किसी भी राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्टूडेंट
क्रेडिट कार्ड योजना क्या है और छात्र कैसे इसके जाल में फॅस रहे हैं। उदाहरण के लिए बिहार
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को समझिये, इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2016 को बिहार के
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के द्वारा सरल और सही उद्देश्य से की कई थी, जब योजना की
शुरुआत हुई तो सरकार की तरफ से यह दावा किया गया कि आपको उच्च शिक्षा के लिए 4% व्याज दर पर
4 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जायेगा जिसे पढ़ने के बाद वापस करना होगा। इस योजना के लांच
होते हैं कई शिक्षा माफ़िया और प्राइवेट यूनिवर्सिटीयों के दलाल सक्रिय हो गयें और उन्होंने
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कई बयान को कट कर के बच्चों को बहलाना शुरू किया
जिसमें वे कहते सुनाई दिखाई देते हैं कि अगर पढ़ने के बाद नौकरी नही लगती है तो सरकार आपकी
लोन को माफ कर देगी आपको वापस नही करना होगा, करीब एक मिनट के इस वीडियो को कट कर के वायरल
किया गया ताकि छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों को आसानी से गुमराह किया जा सके इस वीडियो के
आगे मुख्यमंत्री साहब ने क्या कहा इसके पीछे क्या कहा था आपको कही कुछ देखने को नही
मिलेगा।*अब आपको बताते हैं यह योजना कितनी सफल
हुई।*इस योजना की ज़रूरत जितनी
छात्र-छात्राओं को थी उस से कही अधिक ज़रूरत शिक्षा के दलालों को थी। 2016 से 2018 के बीच
जितने छात्र-छात्राओं ने क्रेडीट कार्ड के माध्यम से लोन लेकर पढ़ाई की ,पढ़कर पास हुए और लोन
चुकाने के लिए बैंक गए तो उनके तब होश उड़ गए जब पता चला व्याज दर 4% नही बल्कि 7% चुकानी
पड़ेगी और इस हिसाब से 4 लाख के लोन के बदले 10 लाख तक चुकाने पड़ेंगे। इसमें हजारों
छात्र-छात्राएं शामिल हैं जो इस झांसे का शिकार हुए हैं और बैंक उनपर पैसे देने का दवाब बना
रहा है ऐसे मामले लगातर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में देखने को मिल रहे हैं। एक मामला तो
ऐसा आया कि छात्र ने लोन लेकर एडमिशन लिया था लेकिन उसकी मृत्यु हो गयी अब बैंक छात्र के
अभिभावक से पैसे वापस करने का दवाब बना रहा है। इस ख़बर को हिंदुस्तान अखबार ने प्रमुखता से
प्रकाशित किया था। कई मामलें ऐसे भी देखने को मिले हैं की समय सीमा पूरी होने के बाद अगर
छात्र के अकाउंट में पैसे न रहे तो EMI की रकम उनके अभिभावक के अकॉउंट से कट रहे
हैं।*इन सब मामलों को देखने के बाद एक बात तो आप समझ गए होंगे
कि स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना पर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को यह रकम हर हाल में वापस
करनी होगी वो भी ब्याज सहित।*स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के
इस कड़वे सच को लेकर रोजमाइन ट्रस्ट के चेयरमैन व नेशनल कॅरियर काउंसलर श्री अवैस अंबर 2016
से ही छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों को जागरूक करते आये हैं, उन्होंने दर्जनों वीडियो के
माध्यम से इस योजना का करवा सच लोगो के सामने रखा है जिसे आप यूट्यूब पर जाकर देख सकते हैं।
(वीडियो देखने के लिए यूट्यूब पर सर्च करें Awais Amber about Student Credit card Yojna).
श्री अंबर एक उदाहरण के माध्यम से बताते हैं कि बैंक कैसे आपसे पैसे वसूल करेगी, मान लीजिए
आपने लोन लेकर पढ़ाई की और आपकी नौकरी नही लगी आपने रोजगार के लिए मछली पालन शुरू किया आपके
कई महीनों की मेहनत के बाद मछलियां बिकी और आपने उस रुपये को अपने बैंक अकाउंट में डाले,
जैसे ही आपने बैंक में रुपए डाले (आपका अकॉउंट तो आपके पैन कार्ड और आधार कार्ड से लिंक है)
बैंक ने आपके लोन की जितनी भी EMI पेंडिंग है उस रकम को काट लिया, यानी पैसे अपने आप कट
जाएंगे। अंबर जी का कहना है कि बैंक को नही पता कि ये पैसे आपके नौकरी करने से आ रहें या
मछली पालन / मुर्गी पालन/ जानवर के तबेलों से आ रहे हैं।#BiharStudentCreditCard
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