Rosemine

Blog Detail

Image

 06 Oct, 2023 | By : Rosemine

Bsc in Dialysis Therapy In Hindi

बीएससी इन डायलिसिस थेरेपी कैसे करें, जानिए कोर्स, फीस, टॉप कॉलेज और करियर स्कोप के बारे में

डायलिसिस मनुष्य शरीर में खून को साफ करने का आर्टिफीशियल मेथड है। जब किसी व्यक्ति की किडनी अपना कार्य सही से और सुचारु रूप से नहीं कर पाती है तो उस समय उस व्यक्ति को डायलिसिस की जरूरत होती है। यह प्रक्रिया तब तक कि जाती है जब तक उस व्यक्ति की किडनी अपना कार्य वापस सुचारु रूप से ना शुरू कर दें। यह प्रक्रिया शरीर से व्यर्थ पदार्थ के साथ-साथ अतिरिक्त पानी को भी हटा देती है और साथ ही उन्हें हमारे शरीर में जमा होने से भी रोकती है। यह हमारे रक्त में सोडियम, बाईकार्बोनेट और पोटेशियम जैसे कुछ केमिकल्स ऑप्टीमल लेवल के भीतर रखना सुनिश्चित करती है और साथ ही साथ ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करने में मदद करती है।

क्या आप जानते है की एक स्वस्थ व्यक्ति की किडनी करीब 1,500 लीटर ब्लड को साफ़ करने में सहायक होती है। यदि हमारी किडनी अपना कार्य सही से नहीं करेगी तो हमारे ब्लड में बहुत सारे अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जायेंगे जो कि हमारे लिए नुकसानदायक होते हैं। इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं जो कि जानलेवा भी साबित हो सकती है। मूत्र के जरिए हम हमारे शरीर से कई सारे अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालते हैं और अगर हमारी किडनी सही से कार्य नहीं करेगी तो हमारे शरीर में मूत्र का निर्माण सही से नहीं हो पाएगा। जिसके कारण हमारे शरीर में कई व्यर्थ पदार्थ जमा हो जाएंगे और इसके कारण हमें थकान, सूजन, उलटी और साँस से संबंधी जैसी कई परेशानी हो सकती है।

 

डायलिसिस से सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?

डायलिसिस उपचार में मरीज को मदद करनी चाहिए, उपचार के दौरान हिलना-डुलना नहीं चाहिए। डॉक्टर द्वारा मशीन में रक्त प्रवाह करने के लिए शल्य चिकित्सा से ट्यूब को धमनियों से जोड़ा जाता है अतः मरीज को धैर्य का परिचय देना चाहिए-

  • डायलिसिस उपचार के दौरान आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए।
  • डायलिसिस के बाद मरीज को पर्याप्त मात्रा में आराम करना चाहिए।
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का भली भांति पालन करना चाहिए।
  • डॉक्टर की सलाह से एक निश्चित आहार योजना अपनानी चाहिए।
  • उपचार बाद किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।
  • निर्जलीकरण से बचने के लिए उचित तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
  • इबप्रोफेन और डिक्लोफेनाक समेत किसी भी एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • सोडियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन की मात्रा में कमी वाले आहार का सेवन करना चाहिए।

 

Eligibility Criteria for B.Sc Dialysis? 

बीएससी डायलिसिस के लिए पात्रता मानदंड

  • उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से विज्ञान स्ट्रीम में अपनी कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए।
  • उन्हें भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान या गणित जैसे विषयों में योग्यता परीक्षा में 45% -50% कुल स्कोर प्राप्त करना होगा।
  • कुछ कॉलेज/विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश देंगे, इसलिए, उम्मीदवारों को पसंद के कॉलेज द्वारा उल्लिखित निर्दिष्ट परीक्षा में बैठना होगा।

 

12वीं के बाद बनें ब्लड बैंक टेकनीशियन

बदलते परिवेश के कारण वर्तमान समय मे शुद्द जल एक बड़ी चुनौती बन चुका है। जिसकी वजह से किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जब किडनी में प्रॉब्लम हो जाती है तो रक्त शुद्धिकरण की प्रक्रिया सही से नही हो पाती है। ऐसे में किडनी रोगियों को क्रत्रिम रूप से हॉस्पिटल जाकर खून शुद्धिकरण की प्रक्रिया अपनाते हैं। आजकल तो लगभग हर हॉस्पिटल में डायलिसिस यूनिट होती हैं, इसलिए जॉब भी इस क्षेत्र में आसानी से मिल जाती है।

 

बीएससी डायलिसिस थेरेपी कौशल आवश्यक

डायलिसिस थेरेपी में बीएससी के पाठ्यक्रम में अकादमिक शिक्षण और व्यावहारिक प्रशिक्षण दोनों शामिल हैं। इसलिए, बी.एससी डायलिसिस थेरेपी के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित क्षेत्रों में कौशल की आवश्यकता होती है:

  • आधुनिक अनुसंधान तकनीकों में रुचि
  • व्याख्या कौशल
  • प्रभावी संचार कौशल
  • वैज्ञानिक जांच करने को उत्सुक
  • सोचने की क्षमता
  • क्षमताओं का विश्लेषण करना
  • अच्छा अवलोकन कौशल

यहां बताए गए सभी कौशल बीएससी डायलिसिस थेरेपी पाठ्यक्रमों को सीखने से सशक्त हो जाएंगे।

 

BSc Dialysis Syllabus 

As per the curriculum followed by institutions in India, all graduates are required to do an one-year experience through an internship. It also includes training in subjects such as Human Anatomy, Renal Diseases, Renal Transplantation, etc, to provide an all-round training in the field of dialysis. Here is a year wise syllabus:

First Year
History and Types of Dialysis Principles of Dialysis
Physiology and Anatomy of Human Kidney Basic Human Anatomy
Vascular Access for Dialysis Haemodialysis Machine
Renal Diseases Anticoagulation
Second Year
Medical Terminologies Concepts of Dialysis and Nutrition
Dialysis Technology with Pharmacology Applied Anatomy of Dialysis Therapy
Applied Physiology of Dialysis Therapy Sterile Techniques of Dialysis
Complications in Dialysis Management of Complications
Third Year
Safety and Sanitation Microbiology and Pathology
Applied Microbiology of Dialysis Therapy Applied Pathology of Dialysis Therapy
Dialysis Equipment and System Final Projects

 

BSc Dialysis Top Colleges

 Many Colleges in India offer BSc Dialysis program, we have list few of the top colleges in India offering BSc Dialysis:

Name of Institute Admission Procedure Average Fees 
Adesh University Merit Based INR 73,000
Ansal University  Merit-Based INR 2,50,00 
Assam Downtown University Merit-Based INR 1,00,000
Baba Farid University of health sciences Entrance Based INR 30,000
Christian Medical College
Entrance Based INR 23,280 
Glanis Institute of Medical and Allied Health Sciences
Merit Based INR 40,000

 

डायलिसिस टेक्नोलॉजी में जॉब प्रोफाइल्स

डायलिसिस टेक्नोलॉजी में जॉब प्रोफाइल्स इस प्रकार हैं:

  • डायलिसिस एग्जीक्यूटिव
  • डायलिसिस टेक्नीशियन
  • लैब एक्सपर्ट
  • मेडिकल अटेंडेंट
  • थेरेपेटिक असिस्टेंस
  • ट्रेनर

डायलिसिस टेक्नीशियन की सैलरी

अगर आप ट्रेनर के तौर पर डायलिसिस टेक्नीशियन करियर की शुरुआत करते हैं तो आपको सिर्फ स्टाइपेंड मिल सकता है, वो भी जरूरी नही। एक डायलिसिस टेक्नीशियन की शुरुआती सैलरी INR 3-5 लाख सालाना के बीच होती है, जोकि अनुभव के साथ बढ़ती रहती है।

 

बीएससी डायलिसिस थेरेपी भविष्य के दायरे

बी.एससी डायलिसिस या बी.एससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी इस डिग्री वाले उम्मीदवारों के लिए करियर के भरपूर अवसर प्रदान करती है। बी.एससी डायलिसिस उम्मीदवारों को ज्यादातर अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि की डायलिसिस इकाइयों में भर्ती किया जाता है। ईएसआरडी या अंतिम चरण के गुर्दे की बीमारियों की वृद्धि ने डायलिसिस पेशेवरों की एक नई मांग पैदा की है। इस लिहाज से इस क्षेत्र में नौकरी की संभावनाएं अधिक हैं।

फिर, 2016 में प्रधान मंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद, देश भर में नए अस्पतालों की स्थापना की गई है जिसके परिणामस्वरूप डायलिसिस पेशेवरों के लिए नौकरी के अधिक अवसर पैदा हुए हैं। इसलिए, बी.एससी डायलिसिस में डिग्री होने से यह सुनिश्चित होगा कि इच्छुक पेशेवरों को भर्तीकर्ताओं द्वारा आसानी से काम पर रखा जाएगा।

डायलिसिस थेरेपी में बीएससी पूरा करने के बाद, कोई निजी क्लीनिक, शैक्षणिक संस्थानों, सरकार में दाखिला ले सकता है। और निजी अस्पताल आदि। यदि उम्मीदवार इस कोर्स को करने के बाद उच्च अध्ययन के लिए जाने की योजना बनाते हैं, तो एमएससी, पीएचडी, एमफिल जैसी डिग्री उनके लिए खुली हैं। पूरी दुनिया में डायलिसिस प्रोफेशनल्स की अच्छी मांग है। कोर्स करने के बाद ही उम्मीदवार मरीजों की जरूरतों को पूरा कर पाएंगे।

 

FAQs

Dialysis Kya Hai?

डायलिसिस किडनी से संबंधित एक इलाज होता है।

 

डायलिसिस क्यों किया जाता है?

गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है।

 

डायलिसिस कब तक करना चाहिए?

आमतौर पर डायलिसिस से गुजरने वाले व्यक्ति के लिए औसत जीवन जीने की दर 5-10 वर्ष है लेकिन कुछ मामलों में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष या उससे अधिक हो जाती है।

 

रोज़माइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट पटना आपको "स्कॉलरशिप प्रोग्राम संकल्प" के माध्यम से 100% स्कॉलरशिप प्रदान करता है, अवसर पाने के लिए रोज़माइन से जुड़ें या संपर्क करें | हमारे बारे में अधिक जानने के लिए कॉल करें या हमारी वेबसाइट पर जाएँ

Contact Number : - 8010786787

Website  - www.rosemine.in

 

#rosemine#rosemineeducationaltrust#roseminesholarship#Besteducationaltrustinpatna

Student Registration Form

For more information. Please complete this form.


Loading...