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 12 Sep, 2023 | By : Rosemine

Chemical engineering Kya Hai In Hindi | What Is Chemical Engineering In Hindi - Rosemine Educational Trust Patna

Chemical engineering is a discipline influencing numerous areas of technology. In broad terms, chemical engineers conceive and design processes to produce, transform, and transport materials — beginning with experimentation in the laboratory followed by the implementation of the technology in full-scale production.

Chemical Engineer Kaise Bane केमिकल इंजीनियरिंग की पूरी जानकारी

 

 

केमिकल इंजीनियरिंग क्या है (what is chemical engineering in Hindi)

केमिकल इंजीनियरिंग में केमिस्ट्री, फिजिक्स और मैथमैटिक की मदद से कच्चा माल को केमिकल का उपयोग करके उपयोगी उत्पाद जैसे कपड़े, खाने-पीने की चीज़ें में बदला जाता है।

केमिकल इंजीनियरिंग को आसान भाषा में समझें तो यह साइंस/टेक्नोलॉजी का वह हिस्सा है। जिसमें कच्चे उत्पादों या केमिकल्स में बहुत से प्रोसेस व प्रिंसिपल एप्लाइड करके उसे उपयोगी प्रोडक्ट में परिवर्तित करते हैं। 

 

केमिकल इंजीनियर कैसे बनते हैं?

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए आप केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा, स्नातक व मास्टर डिग्री कोर्स आदि करते हैं। यह कोर्स करने के बाद आप साइट इंजीनियर, केमिकल इंजीनियर, टेक्निकल ऑपरेटर जैसे पदों में जॉब कर सकते हैं।

 

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए योग्यता

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया अलग-अलग कॉलेज में डिफरेंट सकता है। बहुत से कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम के जरिए एडमिशन करते हैं वहीं दूसरी ओर डायरेक्ट एडमिशन में ही होता है। केमिकल इंजीनियरिंग के लिए अलग-अलग कोर्स के लिए भी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निर्धारित है।

डिप्लोमा कोर्स 

केमिकल इंजीनियर डिप्लोमा कोर्स करने के लिए छात्र कम से कम कक्षा दसवीं पास हो। हाई स्कूल में साइंस व गणित जैसे मुख्य सब्जेक्ट हो। यह डिप्लोमा कोर्स कक्षा दसवीं के बाद 3 वर्ष का फुल टाइम कोर्स होता है।

अंडर ग्रेजुएट (UG) कोर्स 

  • केमिकल इंजीनियरिंग अंडर ग्रैजुएट डिग्री कोर्स करने के लिए छात्र 12वीं पास हो। 
  • इंटर में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स ऐसे विषयों के साथ कम से कम 50% मार्क्स हो।
  • छात्र यूनिवर्सिटी/इंस्टीट्यूट द्वारा कराए गए केमिकल इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई किए हो।

पोस्ट ग्रेजुएट (PG) कोर्स

  • केमिकल इंजीनियरिंग पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए छात्र प्रासंगिक क्षेत्र से बैचलर डिग्री कोर्स किए हो।
  • ग्रेजुएशन के बाद यह 2 वर्ष का कोर्स होता है। 
  • इंस्टीट्यूट द्वारा मान्य एग्जाम जैसे की GATE आदि एग्जाम क्लियर किए हो।
  • छात्र के अंडर ग्रैजुएट कोर्स में कम से कम 50- 60% मार्क्स होने चाहिए।

 

केमिकल इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम

केमिकल इंजीनियरिंग के लिए यूनिवर्सिटी, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बहुत से एंटरेंस एग्जाम कराए जाते हैं। एंट्रेंस एग्जाम के लिए एलिजिबल छात्र आवेदन कर सकते हैं। आईआईटी मे जेईई मेंस और जेई एडवांस एंट्रेंस एग्जाम के जरिए एडमिशन होता है।

JEE Main : एनडीए द्वारा हर वर्ष एग्जाम आयोजित किया जाता है जेई मेंस के द्वारा एनआईटी, सीएफटीआई जैसे कॉलेज में एडमिशन होता है। जेई मेंस, जेई एडवांस प्रिलिमनरी एक्जाम होता है।

जेई एडवांस : जेई एडवांस के लिए जेईई मेंस क्लियर करना होता है जेई एडवांस के जरिए आईआईटी में एडमिशन होता है।

GATE : यह एग्जाम पोस्टग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्स (ME/MTech) में एडमिशन के लिए आयोजित किया जाता है।

 

केमिकल इंजीनियरिंग में करियर स्कोप

केमिकल इंजीनियर कोर्स करने के बाद कैंडिडेट केमिकल इंजीनियरिंग फील्ड में बेहतर करियर बना सकते हैं। अच्छे रैपटेक कॉलेज से केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने पर बढ़िया प्लेसमेंट होता है। आप प्राइवेट और सरकारी ऑर्गनाइजेशन में केमिकल इंजीनियर प्रोफेशनल के तौर पर काम कर सकते हैं।

 

केमिकल इंजीनियरिंग जॉब्स

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आप विभिन्न सेक्टर में जॉब कर सकते हैं। अलग-अलग जॉब प्रोफाइल पर काम कर सकते हैं।

केमिकल इंजीनियर – केमिकल इंजीनियर रासायनिक प्रक्रिया को डिजाइन करने और डिवेलप करने के लिए रिस्पांसिबल होते हैं। वे फ्यूल, ड्रग्स व अन्य प्रोडक्ट्स के डेवलपमेंट में आई समस्याओं को भी सॉल्व करते हैं।

लेक्चरर – केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री कोर्स करने के बाद आप भी नींद कॉलेज से इंस्टिट्यूट में लेक्चरर भी बन सकते हैं।

  • एनालिटिकल केमिस्ट
  • माइनिंग इंजीनियर
  • एनर्जी मैनेजर
  • डेवलपमेंट केमिकल इंजीनियर
  • सुपरवाइजर

 

केमिकल इंजीनियरिंग के बाद नौकरी के क्षेत्र

गवर्नमेंट / पब्लिक सेक्टर

  1. ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC)
  2. Coal इंडिया लिमिटेड (CIL)
  3. गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
  4. भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड
  5. स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
  6. नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स फीस

केमिकल इंजीनियरिंग फीस आपके कॉलेज, चयनित कोर्सेज आदि पर निर्भर करती है। 

अंडरग्रैजुएट डिग्री कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में ₹6000 से लेकर ₹1000000 होती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में ₹30000 से लेकर ₹4000000 तक होती है।

केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में ₹2000 से लेकर ₹80000 तक होती है और प्राइवेट कॉलेज में ₹20000 से लेकर ₹300000 तक होती है।

केमिकल इंजीनियरिंग पोस्टग्रेजुएट कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में ₹2000 से लेकर ₹1000000 तक होती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में ₹50000 से लेकर ₹1200000 तक होती है।

 

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक स्किल

केमिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने के लिए नॉलेज, अवेयरनेस के साथ ही कुछ जरूरी स्किल्स भी होनी चाहिए। जैसे कि केमिकल एक्सपेरिमेंट में इंटरेस्ट, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स, कमर्शियल अवेयरनेस, एनालिटिकल स्किल, टेक्निकल नॉलेज, डाटा कलेक्शन एंड एनालिसिस, ऑपरेशनल स्किल आदि।

 

 मुझे उम्मीद है कि मैं इन सारे सवालों का जवाब इसका से दे पाया हूं अगर फिर भी आपके मन में कोई भी प्रश्न तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं। आपका हमारा आर्टिकल कैसा लगता है यह भी आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

 

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