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 31 Oct, 2023 | By : Rosemine

Difference Between civil engineering & chemical engineering in hindi:-

Today We Are Learning About What's Differnces Between Civil&Chemical Engineering In Hindi

केमिकल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों को प्रभावित करने वाला एक अनुशासन है। मोटे तौर पर, रासायनिक इंजीनियर सामग्री के उत्पादन, परिवर्तन और परिवहन के लिए प्रक्रियाओं की कल्पना और डिजाइन करते हैं - प्रयोगशाला में प्रयोग से शुरू होकर पूर्ण पैमाने पर उत्पादन में प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के बाद।

सिविल इंजीनियरिंग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को डिजाइन करने और विकसित करने का पेशेवर अभ्यास है। यह बड़े पैमाने पर हो सकता है, जैसे राष्ट्रव्यापी परिवहन प्रणालियों या जल आपूर्ति नेटवर्क का विकास, या छोटे पैमाने पर, जैसे व्यक्तिगत सड़कों या इमारतों का विकास।

 

What Is Chemical Engineering

 

आइए जानते हैं सिविल और केमिकल इंजीनियरिंग क्या है

केमिकल इंजीनियरिंग क्या है (what is chemical engineering in Hindi)

केमिकल इंजीनियरिंग में केमिस्ट्री, फिजिक्स और मैथमैटिक की मदद से कच्चा माल को केमिकल का उपयोग करके उपयोगी उत्पाद जैसे कपड़े, खाने-पीने की चीज़ें में बदला जाता है।

केमिकल इंजीनियरिंग को आसान भाषा में समझें तो यह साइंस/टेक्नोलॉजी का वह हिस्सा है। जिसमें कच्चे उत्पादों या केमिकल्स में बहुत से प्रोसेस व प्रिंसिपल एप्लाइड करके उसे उपयोगी प्रोडक्ट में परिवर्तित करते हैं। 

सिविल इंजीनियर क्या है (What is Civil Engineer in Hindi)

दोस्त सिविल इंजीनियर सबसे पुराने इंजीनियरिंग ब्रांच में सबसे पसंदीदा ब्रांच में से एक है। civil engineering में आपको infrastructure  के बारे में पढ़ाया जाता है। सिविल इंजीनियरिंग में आपको  हर तरह के construction work  के बारे में पढ़ाया जाता है जैसे कि.

  • Highway construction
  • Highway designing
  • Construction planning and designing
  • Maintaining and supervising building and highways
  • Construction of bridges pulls tunnel

 

Civil Engineering And Chemical Engineering Eligibility Criteria

जैसा कि उल्लेख किया गया है, इस स्नातक के लिए पात्रता मानदंड कॉलेज के संबंध में भिन्न होता है। फिर भी, कुछ पूर्वापेक्षाएँ हैं जो अधिकांश संस्थानों में इस स्नातक पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं, इस मानदंड पर नीचे चर्चा की गई है।

B.tech in Civil Engineering eligibility criteria

इस कोर्स के लिए आपको किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं की परीक्षा math, science  विषय से कम से कम 60% से लेकर 75% अंकों के साथ पास करनी होती है।

 

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए योग्यता

  • केमिकल इंजीनियरिंग अंडर ग्रैजुएट डिग्री कोर्स करने के लिए छात्र 12वीं पास हो। 
  • इंटर में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स ऐसे विषयों के साथ कम से कम 50% मार्क्स हो।
  • छात्र यूनिवर्सिटी/इंस्टीट्यूट द्वारा कराए गए केमिकल इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई किए हो।

 

दोस्तों इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के लिए हमारे देश में एक नेशनल लेवल की इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा आयोजित होती है आप इस परीक्षा के द्वारा हमारे देश के बहुत सारे सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में इंजीनियरिंग कोर्स कर सकते हैं।

Jee mains or jee advanced नेशनल लेवल की इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की परीक्षा है

 

Civil Engineering & Chemical Engineering Entrance Exams 

  • JEE Mains
  • JEE Advanced
  • WBJEE
  • VITEEE
  • SRMJEE
  • KEAM

 

Civil and Chemical engineering careers and opportunities

सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग का स्कोप

सिविल इंजीनियरिंग में काफी करियर स्कोप है क्योंकि BE/BTech सिविल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर दोनों क्षेत्रों में आशाजनक अवसर तलाश सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग की अपार संभावनाएं हैं। आइए जानते हैं इन सरकारी कंपनियों के नाम-

  • ONGC
  • PWD
  • Electricity Board
  • Armed Forces
  • NHAI
  • Indian Railways
  • IOC
  • Town Planning
  • BHEL

इन पब्लिक सेक्टर के आर्गेनाइजेशन में भारतीय रेलवे, ONGC, PWD और BHEL में कई रिक्त पद उपलब्ध हैं और भारत में सिविल इंजीनियरिंग का सबसे अधिक स्कोप प्रदान करती हैं!

 

केमिकल इंजीनियरिंग में करियर स्कोप

केमिकल इंजीनियर कोर्स करने के बाद कैंडिडेट केमिकल इंजीनियरिंग फील्ड में बेहतर करियर बना सकते हैं। अच्छे रैपटेक कॉलेज से केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने पर बढ़िया प्लेसमेंट होता है। आप प्राइवेट और सरकारी ऑर्गनाइजेशन में केमिकल इंजीनियर प्रोफेशनल के तौर पर काम कर सकते हैं।

 

केमिकल इंजीनियरिंग जॉब्स

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आप विभिन्न सेक्टर में जॉब कर सकते हैं। अलग-अलग जॉब प्रोफाइल पर काम कर सकते हैं।

केमिकल इंजीनियर – केमिकल इंजीनियर रासायनिक प्रक्रिया को डिजाइन करने और डिवेलप करने के लिए रिस्पांसिबल होते हैं। वे फ्यूल, ड्रग्स व अन्य प्रोडक्ट्स के डेवलपमेंट में आई समस्याओं को भी सॉल्व करते हैं।

लेक्चरर – केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री कोर्स करने के बाद आप भी नींद कॉलेज से इंस्टिट्यूट में लेक्चरर भी बन सकते हैं।

  • एनालिटिकल केमिस्ट
  • माइनिंग इंजीनियर
  • एनर्जी मैनेजर
  • डेवलपमेंट केमिकल इंजीनियर
  • सुपरवाइजर

 

FAQs

सिविल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर्स कोर्स कितने साल का होता है?

सिविल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर्स कोर्स 4 साल का होता है।

 

 

 

 

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